नौपरिवहन संबंधी सहायता

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अंतिम अद्यतन : 29-Jul-2014
 

मार्गदर्शन के लिए उपयुक्त नौपरिवहन संबंधी सहयोग पूरे मार्ग पर उपलब्ध कराई गई हैं। मौजूदा समय में हमारे पास निम्न सहायताएं उपलब्ध हैं :

लाइटहाउस

सागर लाइटहाउस (अक्षांश 21°39’ उत्तर, 088°03’ देशांतर पूर्व) इनशोर के डेढ़ किलोमीटर पर सागर द्वीप समूह के मिडलटोन बिंदु पर स्थित है। साफ मौसम में यह 28 किलोमीटर की दूरी से बिलकुल साफ दिखाई पड़ता है।
दरियापुर लाइटहाउस (अक्षांश 21°47’ उत्तर, 087°52’ देशांतर पूर्व) इनशोर से 2.7 किलोमीटर के आसपास रसूलपुर नदी के दक्षिण छोर पर हुगली के दाएं किनारे पर स्थित है। साफ मौसम में यह 35 किलोमीटर की दूरी से बिलकुल साफ दिखाई पड़ता है।

हल्के पोत

यहां पांच मानवरहित हल्के पातों के इंतजाम है। उनका विवरण निम्नानुसार है: (प्रत्येक की दर्शाई गई दूरी सागर लाइटहाउस से दक्षिण छोर पर स्थित है)

• U.G.L.F. Lat. 21°29'51" N Long. 088°06'36.5" E
• L.G.L.F. Lat. 21°21'54" N Long. 088°09'34" E
• TALENT WK L.V. Lat. 21°17'00" N Long. 088°11'25" E
• पूर्वी चैनल L.V Lat. 21°02'54.6" N Long. 088°11'30" E
• पश्चिमी चैनल L.V Lat. 21°05'002" N Long. 087°50'24.8" E


स्वचालित ज्वार मापक

चैबीसों घंटे ज्वार भाटों से संबंधित आंकड़ों की रिकार्डिंग के लिए इन्हें गार्डन रीच, डायमंड हार्बर और हल्दिया में तैयार किया गया है जोकि भारतीय सर्वेक्षण द्वारा ज्वार भाटों की सारणियां तैयार करने और इनके पूर्वानुमानों में प्रयोग किए जाते हैं।

मैनुअल ज्वार मापक

विभिन्न पोत, हुगली नदी में मार्ग निर्देशनों, तल मार्जन और सर्वेक्षणों के लिए ज्वार भाटाओं के उछालों का प्रदर्शित करने के लिए इस तरह के मापक अकरा, मोयापुर, हुगली बिंदु, बालारी, गंगरा और सागर में लगाए गए हैं।

नदी निशान और प्लव

नदी के 500 बिंदुओं को प्रकाशित किया गया है। मार्ग निर्देशनों और तल मार्जन आंकने के लिए ये बहुत उपयोगी हैं। इसके साथ ही 90 प्लव बिंदुओं पर भी प्रकाश किया गया है और 42 अनलिट प्लव बिंदुओं की मार्किंग सैंडहैड्स से कोलकाता तक मार्ग निर्देशक चैनल का काम कर रही है।

वायरलैस/वीएचएफ नेटवर्क

नदी में के.ओ.पी.टी. पोतों के प्रचालन और विभिन्न श्योर संस्थापनाओं के बीच तीव्र संप्रेषण बनाए रखने के लिए कोलकाता, हल्दिया और सभी प्लवक बिंदुओं पायलेट पोतों डिस्पेच और सर्वे/रिसर्च पोतों पर वायरलैस स्टेशन तैयार किए गए हैं। इसके अलावा इन स्टेशनों/पोतों पर वीएचएफ सैट भी उपलब्ध कराए गए हैं जो कि कोलकाता डॉक सिस्टम और हल्दिया डॉक कॉम्प्लैक्स में ही कई ज्वार भाटा स्टेशनों सहित कई प्रमुख प्रचालन बिंदुओं पर संस्थापित किए गए हैं।

साइलेडिस चेन सिस्टम

इलैक्ट्रॉनिक पोजिशन फिक्सिंग सिस्टम साइलेडिस को कोलकाता पोर्ट में 1983 में लाया गया था। शोर बेस्ड साइलेडिस पोजिशन फिक्सिंग सिस्टम हल्दिया, रायचैक, दादापात्रा बार और फ्रेजरगंज में साइलेडिस स्टेशनों की सहायता से चैबीसों घंटे काम करता है। विशालकाय खाड़ी में एक पोत के डैक से शोर वस्तुओं को देखे जाने के लिए पोजिशन फिक्स कर पाना बहुत कठिन होता है। इसी के लिए साइलेडिस सिस्टम विशालकाय हुगली खाड़ी में तैरते पोतों की स्थिति आंकने के लिए संचालित किया जाता है। यह प्रणाली इतनी प्रभावी है कि इसे हाउड्रोग्राफिक सर्वे और प्लवकों के उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस)

कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, इलैक्ट्रॉनिक पोजिशन फिक्सिंग सिस्टम साइलेडिस को डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) से कई चरणों में नवीनतम अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से बदल रहा है। सैटेलाइट आधारित डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के.ओ.पी.टी. द्वारा संस्थापित घूमते सैटेलाइटों और रेफरेंस स्टेशनों की सहायता से काम करता है। सुरक्षित मार्ग निर्देशनों, प्लवकों और सर्वेक्षणों के लिए संबंधित दिशा मानकों सहित अंक्षाश, देशांतर या किसी अन्य समन्वयक प्रणाली के नियमानुसार डीजीपीएस रिसीवर्स धारक किसी मोबाइल क्राफ्ट एकदम सही स्थिति बताते हुए करेक्शन सिगनल्स देने के साथ-साथ सैटेलाइट से सिगनल्स प्राप्त करने के लिए पोतों पर मोबाइल सैट्स लगाए गए हैं।

वैसल ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम (वीटीएमएस)

वीटीएमएस एक राडार सर्विलांस सिस्टम है जो माइक्रोवेव डेटा लिंक और कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से स्ट्रेटेजिक लोकेशनों पर लगे राडारों से जुड़ा होता है। राडार सर्विलांस के जरिए सैंडहैड्स से हल्दिया तक जहाज के प्रभावी और सुरक्षित मार्गनिर्देशन के लिए वैसल ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम (वीटीएमएस) सैंडहैड्स से हल्दिया तक पहले चरण में लिया गया था।
यह प्रणाली अप्रैल 1996 में शुरू की गई थी। इसके बाद आईएसपीएस कोड की आवश्यकता के लिए और साथ ही साथ वीटीएमएस सिस्टम का बैक अप बनाए रखने के लिए मई 2005 में सौगार पायलेट स्टेशन पर आटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एआईएस) के साथ एकल वीटीएस स्थापित किया गया।

रु. 36.95 करोड़ की लागत पर टर्नकी आधार पर वीटीएमएस के डिजाइन/विकास/संस्थापना और कमिशनिंग के लिए जुलाई 2013 में आदेश किए गए। (भुगतान बराबर अर्ध वार्षिक किश्तों के माध्यम से दस वर्ष में किया जाना था) जिसमें 3 वर्ष की वारंटी और 7 वर्ष की सीएएमसी शामिल थी जिसमें पूरी प्रणाली (हल्दिया, सागर और फ्रेजरगंज) की अत्याधुनिक तकनीक के साथ रिप्लेसमेंट भी शामिल थी। सभी चार राडार स्टेशनों (दादापात्रा, सागर, फ्रेजरगंज, हल्दिया) में एमडब्ल्यू लिंक नेटवर्किंग आदि के माध्यम से एक्स बैंड राडार, ड्यूल ट्रांसरिसीवर लगाए जाएंगे।

नाव रजिस्ट्रेशन

बिना उतारी गई स्टील और लकड़ी की निर्मित सभी नावें पोत सीमाओं के अंदर की संचालित की जाती हैं और इन्हें परिवहन किए जाने वाले जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद आवश्यक निरीक्षण के बाद अधीक्षक-नाव पंजीकरण द्वारा लाइसेंस भी लेना होता है। लाइसेंस शुल्क दरों की निर्धारित सीमा अनुसार देय होता है।

हल्दिया स्थित वीटीएमएस कंट्रोल रूम

भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर डायल करें: 1800 345 3984
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